Indian Railways: रेलवे पर यात्रियों की कमी का असर, रेलवे बोर्ड का यात्री डिब्बों के उत्पादन में कटौती का प्रस्ताव
Indian Railways: रेलवे ने यात्रियों की कमी को देखते हुए कोच प्रोडक्शन में कमी का फैसला किया है.
रेलवे ने यात्रियों की कमी को देखते हुए कोच प्रोडक्शन में कमी का फैसला किया है. (फाइल फोटो)
रेलवे ने यात्रियों की कमी को देखते हुए कोच प्रोडक्शन में कमी का फैसला किया है. (फाइल फोटो)
Indian Railways: भारतीय रेलवे ने अगले कुछ सालों में अपने यात्री डिब्बे के प्रोडक्शन में लगभग आधे की कटौती करने का प्रस्ताव दिया है. दरअसल यह रोडवेज और एयरलाइन से कॉम्पिटिशन के साथ अपने यातायात में शामिल होने के कारण कमजोर होता दिख रहा है. कारोबारी साल 2023 और 2024 के लिए कोच निर्माण कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए रेलवे बोर्ड द्वारा की गई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया. मीटिंग में फैसला किया गया कि कारोबारी साल 2024 में इसकी 4 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट से यात्री कोच प्रोडक्शन में 46 प्रतिशत से ज्यादा की कटौती की जाएगी. इसका मतलब यह होगा कि रेलवे का कोच निर्माण लगभग 6,000 और 7,000 यूनिट के स्तर से घटकर लगभग 4,000 सालाना रह जाएगा.
रेल यात्रियों की घटती संख्या का असर
वास्तव में यात्री कोच निर्माण को अगले कारोबारी साल 2022-23 के लिए 7,551 यूनिट पर रखा गया है, जो कि वित्त वर्ष 2024 में लगभग 4,027 इकाई कम हो जाएगा. रेल मंत्रालय द्वारा अपने सभी GM को लिखे गए 28 जुलाई की चिट्ठी से ये पता चलता है. 4 कोच निर्माण यूनिट. रेलवे की यात्री सेवाओं को चलाने के लिए बनाए गए एलएचबी या लिंक हॉफमैन बुश कोचों के लिए सबसे हड़ताली कटौती का प्रस्ताव किया गया है. यहां उत्पादन वित्त वर्ष 2023 में लगभग 5,489 इकाइयों से घटकर वित्त वर्ष 24 में लगभग 1,677 रह जाने का प्रस्ताव है, जो कि 70 प्रतिशत की भारी कटौती है.
यात्री डिब्बों के प्रोडक्शन में कटौती का प्रस्ताव
अभी भारतीय रेलवे की उत्पादन इकाई- इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, पेरम्बूर, चेन्नई द्वारा निर्मित लिंक हॉफमैन बुश (LHB) कोच- रेल कोच फैक्ट्री, कपूरथला और मॉडर्न कोच फैक्ट्री, रायबरेली. इसके अलावा, मध्य रेलवे, (लातूर) मुंबई सुविधा सेल्फ प्रोपेल्ड कोचों के कुछ डिजाइन भी बनाती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रेलवे बोर्ड ने यात्री डिब्बों के उत्पादन में कटौती करने का फैसला किया है.
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रोडवेज, एयरलाइन से कॉम्पिटिशन का भी असर
इसके अलावा रेलवे को रोडवेज और एयरलाइन के लिए अपने ट्रैफिक के बड़े पैमाने पर आवागमन की उम्मीद है, यह मांग की स्थिति पर स्पष्ट तस्वीर प्राप्त किए बिना कोचों के निर्माण के साथ ज्यादा खर्च नहीं करना चाहता. आधिकारिक सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि रेलवे अपनी लागत संरचना में भी सुधार कर रहा है, जिससे उसका ध्यान सब्सिडी वाली सेवाओं की तुलना में ज्यादा रेवेन्यू जेनरेट करनी वाली सेवाओं पर होगा.
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05:31 PM IST